शिशुओं और छोटे बच्चों को आपात स्थिति में विशेष देखभाल और ध्यान देने की आवश्यकता होती है। पता करें कि आप उनकी देखभाल के लिए क्या कर सकते हैं।
शिशुओं को निर्जलित (पानी की कमी) होने या संक्रमण होने का ज्खयादा तरा होता है। आपात स्थिति में उनकी विशेष देखभाल और ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
आपात स्थिति में सड़कें और दुकानें तीन दिन या उससे अधिक समय के लिए बंद की जा सकती हैं। आपके शिशु को इसका सामना करने के लिए आपको सामान की जरूरत होगी।
यदि आपका शिशु अक्सर परिवार या देखभाल करने वालों के साथ रहता है, तो अपने घर के साथ-साथ कुछ आपातकालीन सामान उनके यहाँ भी रखें।
आपात स्थिति के दौरान सामान्य दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है और लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ सकता है। यह माताओं और शिशुओं की देखभाल करने वाले लोगों के लिए विशेष रूप से मुश्किल हो सकता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्तनपान और फार्मूला पिलाने वाले दोनों प्रकार के शिशुओं के लिए आपात स्थिति में अपने शिशु को खिलाने -पिलाने के बारे में सलाह दी है।
आप छोटे बच्चों को छोटे-छोटे काम देकर आपात स्थिति की योजना बनाने में शामिल कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, उन्हें अपने संग्रह किए गए पानी पर तारीख की जाँच करने या यह देखने के लिए कहें कि टॉर्च काम कर रही है।
उनसे निम्न के बारे में ईमानदारी से बात करें, लेकिन डरावने तरीके से नहीं:
यह डर और चिंता को कम करने में मदद कर सकता है और हर किसी को यह जानने में मदद करता है कि कैसे जवाब देना है।
वे जितने अधिक योजना में शामिल होंगे, आपात स्थिति होने पर वे उतने ही कम डरेंगे।
यदि आपको जल्दी में घर छोड़ना पड़े, तो सुनिश्चित करें कि आपके पास अपने छोटे बच्चों के लिए ग्रैब बैग में जरूरी सामान है। ग्रैब बैग में गर्म कपड़े, पानी और नाश्ते का सामाान और उन्हें व्यस्त रखने के लिए एक पसंदीदा खिलौना या खेल होना चाहिए।
बच्चे अपने विकास के चरण के अनुसार सदमे से निपटने के अपने तरीकों का प्रयोग करते हैं। बच्चों को सदमे से निपटने में मदद करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय के पास गाइडलाइन्स (दिशानिर्देश) हैं।
हर घर की योजना अलग होगी, क्योंकि हम कहाँ रहते हैं, हमारे साथ कौन रहता है और किसे हमारी मदद की जरूरत हो सकती है, इस पर निर्भर करता है।